Thursday, June 28, 2007

ना वोह हसीं लम्हे मिलेंगे फिर कभी
ना वोह तुम्हे चाहेगा फिर कभी
तोड़ ना सकोगे फिरसे दिल कभी
याद करोगे उसे और रोगे तुम कभी!

ऐसे उल्फत से मुह ना मोदो
ऐसे दीवाने का दिल ना तोड़ो
दूर होकर भी वोह पास था कभी
ग़ैर होकर भी अपना था कभी।

1 comment:

Swati said...

waah waah... waah waah!!
its sweet..