कलम जब भी लिखता है
अरमान तब खिलते है
आसूं बेहेक जाते है
और दिल .... मुस्कुराता है।
ख्याल तेरा आता है
मुहबत मेहेकती है
जस्बात सिसकते है
और दिल .... मुस्कुराता है।
धड़कन गीत गाती है
तेरा नाम लेती है
चेहरा तेरा आंखों में
और दिल .... मुस्कुराता है।
जुल्फ तू सवारती है
सोलह श्रृंगार करती है
आशाकी में डूबा हूँ
और दिल .... मुस्कुराता है।
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