Friday, July 20, 2007

तुम चल दिये

खडे है यहीं उसी रह पर
जिसे छोड़ कर तुम चल दिए

एक बार भी तुमने मूढ़ के देखा नहीं
हम थे वहीँ पर तुम चल दिये।


वक़्त ने मिलाया हमें
बहुत मुसाफिरों से
हमसफ़र कोई लेकिन
बन ना सके
पुकारा था तुम्ही को

दिल ने मेरे
जिसे छोड़ कर
तुम चल दिए
एक बार भी तुमने मूढ़ के देखा नहीं
हम थे वहीँ पर तुम चल दिये।

दिखाया जहाँ हमें
तुम्हारी निगाहों ने
दीदार तुम्हारा
कर ना सके
चाहा था तुम्ही को
दिल ने मेरे
जिससे तोड़ कर
तुम चल दिये
एक बार भी तुमने मूढ़ के देखा नहीं
हम थे वहीँ पर तुम चल दिये।